स्वामी विवेकानंद के 20+ मोटिवेशनल कोट्स: स्वामी विवेकानंद के विचार को पढ़ने से हमारा आत्म-विश्वास बढ़ता है और हमें आत्म-प्रेरणा मिलता है। उनके विचार हमें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करता है। उनका विचार सही दिशा में आगे बढ़ने और आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रेरित करता है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को वर्तमान कोलकाता में हुआ था। वे एक प्रमुख भारतीय संत, विचारक और समाज सुधारक थे। उनका असली नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस थे। आइये उनके द्वारा दिए गए कुछ बेस्ट विचारों को पढ़ते है –
20+ मोटिवेशनल कोट्स जो आत्म-विश्वास को बढ़ाता है
1. उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
2. खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
3. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
4. हम वो है जो हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें की आप क्या सोचते है। शब्द गौण है; विचार रहते है, वे दूर तक यात्रा करते है।
5. विश्व एक महान व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते है।
6. ब्रह्मांड की साड़ी शक्तियाँ पहले से हमारी है। वे हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते है और फिर रोते है की कितना अंधकार है।
7. आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी और उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता।
8. आज्ञा देने की क्षमता प्राप्त करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति की आज्ञा का पालन करना सीखना चाहिए।
9. केवल ज्ञान होने से कुछ फायदा नहीं है। वह कब और कैसे इस्तेमाल किया जाये, इसका ज्ञान होना आवश्यक है।
10. जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, बल्कि स्वयं को बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है।
11. अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा यह सिर्फ बुराई का एक ढेर है और इससे जितनी जल्दी छुटकारा मिल जाए, उतना अच्छा है।
12. एक समय में एक ही काम करो और उसे करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो।
13. जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरुरी नहीं है, लेकिन जो रिश्ते है उनमें जीवन होना जरुरी है।
14. हम जितना अधिक बाहर जायेंगे और दूसरों का भला करेंगे, हमारा हृदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे।
15. जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है- शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे जहर की तरह त्याग दो।
16. अगर हमें अपनी जिंदगी में सफल बनना है, तो हमें अपने समय पर ध्यान देना होगा।
17. शंका का कोई ईलाज नहीं, चरित्र का कोई प्रमाण नहीं, मौन से अच्छा कोई साधन नहीं और शब्द से तीखा कोई बाण नहीं।
18. दुनिया मजाक करे या तिरस्कार, उसकी परवाह किये बिना मनुष्य को अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए।
19. खुश रहने के लिए साधन की नहीं संतोष की जरुरत होती है।
20. यदि कोई बुद्धिमान व्यक्ति को उसकी गलती बताओगे तो वो आपको मित्र बना लेगा, लेकिन कोई मुर्ख को उसकी गलती बताओगे तो वह आपको शत्रु बना लेगा।
21. बुद्धि महान है, लेकिन इसका कार्यव्याप्ति सीमित है। प्रेरणा दिल से आती है, इसलिए दिल प्रेरणा का स्रोत है।
22. अकेलापन जो आपको सीखा सकता है, वह दुनिया की कोई अच्छी किताब भी नहीं सीखा सकती।
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