7 अगस्त 2007 को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में आयोजित भव्य समारोह में भारत के ताजमहल को दुनिया के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया है। विश्व के 7 नए आश्चर्य निम्नलिखित है –
1. ताजमहल – आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
ताजमहल, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है। इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था।
ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 ई. में शुरू हुआ और 1653 ई. में पूरा हुआ। इसका डिजाइन मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने किया था।
ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है, जिसे राजस्थान के मकराना से लाया गया था।
ताजमहल की दीवारों पर खुबसूरत शिलालेख है, जिनमें कुरान की आयतें लिखी हुई है। इन शिलालेखों का काम अब्दुल हक नामक शिल्पकार ने किया था।
गीतांजली पुस्तक के लेखक और 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले एशिया के प्रथम व्यक्ति, रविंद्रनाथ टैगोर ने ताजमहल को ‘काल के गाल पर आँसू’ के रूप में वर्णित किया है।
ताजमहल को 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।
2. चीन की दीवार – चीन
चीन की दीवार का निर्माण 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व में शुरू हुआ और मुख्य रूप से इसे 14वीं से 17वीं शताब्दी तक मिंग राजवंश के समय में पुनर्निर्मित और विस्तारित किया गया था।
चीन की दीवार की कुल लंबाई लगभग 21,196 किमी है। इसकी औसतन ऊँचाई 6 से 7 मीटर और चौड़ाई 4 से 5 मीटर है।
चीन की दीवार को वर्ष 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।
3. पेट्रा – जॉर्डन
पेट्रा, जॉर्डन में स्थित एक ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है, जो प्राचीन नाबातियन सभ्यता की अद्वितीय शिल्पकारी, वास्तुकला और इतिहास का प्रतीक है।
पेट्रा का निर्माण चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में नाबातियन साम्राज्य द्वारा किया गया था।
पेट्रा, नाबातियन साम्राज्य की राजधानी एवं एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। इसकी पुनर्खोज 1812 में स्विस खोजकर्ता जोहान लुडविग बर्कहार्ट ने की थी।
पेट्रा को वर्ष 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी।
4. क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति – ब्राजील
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति, ब्राजील के रियो-डी-जनेरियो शहर में कोरकोवाडो पर्वत पर, तिजुका फ़ॉरेस्ट नेशनल पार्क में स्थित है। इस मूर्ति का निर्माण 1922 में शुरू हुआ और 1931 में पूरा हुआ।
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति का निर्माण ब्राजील की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया गया था। इसका उद्घाटन 12 अक्टूबर 1931 को किया गया था।
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति का डिजाइन ब्राजील के इंजीनियर हेटॉर दा सिल्वा कोस्टा ने किया था, जबकि इसके शिल्पकारी का काम फ्रेंच मूर्तिकार पॉल लैंडोवस्की ने किया था।
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति की ऊंचाई 30 मीटर है, जबकि इसका आधार 8 मी ऊँचा है। इसके हाथों की चौड़ाई 28 मीटर है। इस मूर्ति को दुनिया की सबसे ऊँची आर्ट डेको मूर्तियों में से एक माना जाता है।
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति, यीशु मसीह की मूर्ति है, जो अपने दोनों हाथ फैलाए हुए खड़ा है। यह मूर्ति ईसाई धर्म का प्रतीक है, जो शांति, प्रेम और स्वागत का सन्देश देती है।
क्राइस्ट द रिडीमर की मूर्ति को वर्ष 2007 में दुनिया के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया था।
5. माचू पिचू के इंकान खंडहर – पेरू
माचू पिचू, पेरू के एंडीज पर्वत पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर, समुद्र तल से लगभग 2,430 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
माचू पिचू का निर्माण 15वीं शताब्दी के मध्य में इंकान सम्राट पचाकुती द्वारा किया गया था। यह इंकान साम्राज्य का एक प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक केंद्र था। इसकी पुनर्खोज 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हिराम बिंघम ने किया था।
माचू पिचू की वास्तुकला इंकान शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहाँ पत्थर की इमारतें है, जिन्हें बिना किसी सीमेंट के एकत्र किया गया है। इसे 1981 में पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय घोषित किया गया था।
माचू पिचू को वर्ष 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। इसे अक्सर ‘इंकाओं का खोया शहर’ भी कहा जाता है।
7 जुलाई 2007 को माचू पिचू को विश्व के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया था।
6. चिचेन इत्जा पिरामिड – युकाटन, मैक्सिको
चिचेन इत्जा पिरामिड, मैक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर स्थित है। यह माया सभ्यता का एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल है। इसका निर्माण लगभग 600-900 ई. के बीच हुआ था। यह स्थल माया और टॉलटेक संस्कृतियों का मिश्रण है।
एल कास्टिलो, चिचेन इत्जा की सबसे प्रमुख संचरना है। इसे कुकुल्कन पिरामिड भी कहा जाता है, जो सूर्य देवता कुकुल्कन को समर्पित है। यह पिरामिड खगोलीय महत्त्व रखता है, क्योंकि इसमें 91 सीढियाँ है जो चारों ओर से मिलकर कुल 365 दिन (साल के दिनों की संख्या) बनाती है।
एल कास्टिलो का पिरामिड विषुव के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब सूर्य की किरणें इस पिरामिड पर पड़ती है तो एक सांप की छवि बनती है, जो सीढियों पर उतरती दिखाई देती है।
चिचेन इत्जा पिरामिड को वर्ष 1988 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। इसे वर्ष 2007 में विश्व के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया था।
मैक्सिको, उत्तरी अमेरिका का एक देश है। इसकी राजधानी मैक्सिको सिटी है और मुद्रा मैक्सिकन पेसो है।
7. रोमन कोलोजियम – रोम, इटली
रोमन कोलोजियम को कोलोजियम या फ्लेवियन एम्फीथिएटर के नाम से भी जाना जाता है। यह इटली की राजधानी रोम में स्थित है।
रोमन कोलोजियम का निर्माण 70-72 ई. में सम्राट वेस्पासियन के शासनकाल में शुरु हुआ जबकि उसके बेटे टाइटस ने 80 ई. में कोलोजियम का निर्माण पूरा करवाया।
रोमन कोलोजियम एक अंडाकार आकार की आकृति है, जिसकी लंबाई लगभग 189 मीटर, चौड़ाई 156 मीटर तथा ऊंचाई 48 मीटर है। इसमें लगभग 50-80 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता थी।
कोलोजियम का प्रमुख उपयोग ग्लैडीएटर मुकाबलों के लिए होता था। इसमें प्रशिक्षित योद्धा एक-दुसरे से या जंगली जानवरों से लड़ते थे।
कोलोजियम को वर्ष 1980 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी और इसे वर्ष 2007 में विश्व के सात नए आश्चर्यों में शामिल किया गया था।